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सावन शुक्रवार, धनवान बना सकता है। ३१ जुलाई २०२०

Writer: Vedmata Gayatri J & D Kendra Vedmata Gayatri J & D Kendra

सावन शुक्रवार, धनवान बना सकता है।

सावन शुक्रवार को शास्त्रों के नियमानुसार इस दिन मां वरद लक्ष्‍मी की पूजा की जानी चाहिए। स्‍कंदपुराण में इस दिन व्रत रखकर मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने का विधान बताया गया है। इसे वरद लक्ष्‍मी व्रत कहे जाने की पीछे वजह यह है कि दीपावली की तरह इस दिन भी गणेश और लक्ष्‍मीजी दोनों की पूजा की जाती है और लक्ष्‍मी माता से सुख, संपन्‍नता और धन वैभव का वर मांगा जाता है। इस बार वरद लक्ष्मी के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी शुभ संयोग बना है जो शुभ फलदायी है। आइए जानते हैं वरद लक्ष्मी व्रत की पूजाविधि साथ ही धन प्राप्ति के लिए इस दिन किए जाने वाले विशेष उपाय…

1/6व्रत की पूजाविधि और महत्‍व

इस व्रत को करने से धन और सौभाग्‍य में वृद्धि के साथ-साथ पति की आयु भी लंबी होती है। अधिकांशत: सुहागिन स्त्रियां यह व्रत रखती हैं। इसके लिए सबसे पहले सुबह स्‍नान आद‍ि से निवृत्‍त होकर महिलाएं शुद्ध वस्‍त्र धारण करें। फिर पूजाघर के समक्ष लकड़ी की एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस प‍र गणेश और लक्ष्‍मी की प्रतिमा स्‍थापित करें और विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा के बाद 7, 11 या फिर 21 सुहागिनों को सुहाग की सामग्री भेंट स्‍वरूप दें। इस दिन मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने के लिए आप कुछ उपाय भी आजमा सकते हैं। अगर दिन में पूजा ना कर पाएं तो संध्या में मिठाई का भोग लगाकर देवी की आरती करें।

2/6जब भी समय मिले इनका पाठ करें

वरद लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही लाभप्रद माना गया है। विष्णु पुराण में उल्लेख मिलता है कि देवराज इंद्र ने देवी लक्ष्मी के सागर मंथन से प्रकट होने पर देवताओं सहित उनकी स्तुति की थी। इस स्तुति से प्रसन्न होकर देवी लक्ष्मी ने दुर्वासा ऋषि के शाप से कष्ट भोग रहे देवताओं को समृद्धि बना दिया। इस दिन कनक धारा स्तोत्र का पाठ भी फलदायी होता है।

3/6लवंग के उपाय

लवंग का एक जोड़ा लाल कपडे़ में बांधकर महालक्ष्‍मी का स्‍मरण करते हुए घर की तिजोरी में रख दें। ऐसा करते हुए आपको कोई देखे न तो उत्तम रहेगा। माना जाता है कि इससे नकारात्मक उर्जा का प्रभाव दूर होता है और घर में बरकत आती है।

4/6कन्‍याओं को भोजन कराएं

वरद लक्ष्‍मी व्रत के पूरा होने पर शाम के वक्‍त में पूजापाठ संपन्‍न करने के बाद कम से कम 7 कन्‍याओं को भोजन कराएं। जो लोग व्रत ना भी कर रहे हों उन्हें भी कुंवारी कन्याओं को मीठा भोजन कराना चाहिए। भोजन में खीर और मिश्री जरूर खिलाएं। क्षमता के अनुरूप कन्या को दान और उपहार भी देना चाहिए।। ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर मनोकामना पूर्ण करेंगी।

5/6व्‍यापारियों के लिए उपाय

शाम के वक्‍त हाथ में एक सुपारी और तांबे का एक सिक्‍का लेकर पीपल के पेड़ पर जाएं और उसको प्रणाम करके अपनी इच्‍छा बोलकर वह सिक्‍का और सुपारी पेड़ पर अर्पित कर दें। अगले दिन सुबह उसी पीपल का पत्‍ता लाकर अपनी दुकान या प्रतिष्‍ठान में गद्दी के नीचे रख लें। ऐसा करने से आपके व्‍यापार धंधे में वृद्धि हो सकती है।

6/6लक्ष्‍मी को प्रिय है शंख

इस दिन लक्ष्‍मीजी को प्रिय शंख का नाद पूरे घर के हर कोने में जाकर करें। ऐसा करने से घर की नकारात्‍मक ऊर्जा खत्‍म होने के साथ ही मां लक्ष्‍मी भी प्रसन्‍न होंगी और ऐश्‍वर्य की प्राप्ति होगी।





 
 
 

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