शास्त्रों की माने तो विश्वकर्मा वास्तुदेव के पुत्र हैं. जिन्होंने सृष्टि में कई चीजें बनाई हैं. माना जाता है कि पांडवों के इंद्रप्रस्त में मौजूद माया सभा भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाई थी. रावण के सोने की लंका को भी बनाने वाले विश्वकर्मा ही थे. इस तरह उन्होंने कई दर्लभ चीजों का निर्माण किया किया. जिससे उन्हें दुनिया का पहला इंजीनियर कहा जाता है.
विश्वकर्मा पूजा का महत्व ऐसी मान्यता है कि विश्वकर्मा की पूजा करने वाले व्यक्ति को किसी तरह की कोई कमी नहीं रहती है. भगवान विश्वकर्मा की पूजा से व्यक्ति के व्यापार में वृद्धि होती है और उसकी सभी मनोकामना भी पूर्ण होती है. Updated at:16th Sep, 2020 at 11:45 AM
विश्वकर्मा पूजा मंत्र ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:। आज विश्वकर्मा पूजा है. पूजा के समय रुद्राक्ष की माला से विश्वकर्मा पूजा मंत्र का जाप करें, जाप के समय इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र का उच्चारण सही हो. गलत उच्चारण करने से आपको इस पूजा का फल नहीं मिलेगा.
कौन हैं भगवान विश्वकर्मा हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्राचीन काल में देवताओं के महल और अस्त्र-शस्त्र विश्वकर्मा भगवान ने ही बनाया था. इन्हें निर्माण का देवता कहा जाता है. मान्यता है कि भगवान कृष्ण की द्वारिका नगरी, शिव जी का त्रिशूल, पांडवों की इंद्रप्रस्थ नगरी, पुष्पक विमान, इंद्र का व्रज, सोने की लंका को भी विश्वकर्मा भगवान ने बनाया था. अत: इसी श्रद्धा भाव से किसी कार्य के निर्माण और सृजन से जुड़े हुए लोग विश्वकर्मा भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं. Updated at:16th Sep, 2020 at 11:45 AM
पूजा करने के लिए जानें शुभ समय इस साल विश्वकर्मा पूजा पर कई संयोग बन रहे हैं. जिसमें पूजा करने से आपको कई लाभ प्राप्त होगा. इस दिन एक योग सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा और उसके बाद साध्य योग का प्रारंभ हो जाएगा. इसके अलावा आज के दिन कोई भी अभिजित मुहूर्त नहीं है. लेकिन अमृत काल मुहूर्त बन रहा है जो सुबह 10 बजकर 9 मिनट से सुबह 11 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. वहीं दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से दोपहर 3 बजकर 08 मिनट तक विजय योग रहेगा. इसके अलावा शाम 06 बजकर 12 मिनट से शाम 6 बजकर 36 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा. इन सभी योग में विश्वकर्मा जी की पूजा करने से आपको उनकी खास आशीर्वाद प्राप्त होगा. Updated at:16th Sep, 2020 at 11:45 AM
जानें क्यों मानाया जाता है विश्वकर्मा दिवस भगवान विश्वकर्मा की पूजा कई राज्यों में धूमधाम से की जाती है. विश्वकर्मा जी की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उन्हें पहला वास्तुकार माना जाता है, मान्यता है कि हर साल अगर आप घर में रखे हुए लोहे और मशीनों की पूजा करते हैं तो वो जल्दी खराब नहीं होते हैं. मशीनें अच्छी चलती हैं क्योंकि भगवान उनपर अपनी कृपा बनाकर रखते हैं. Updated at:16th Sep, 2020 at 11:45 AM
आज औजारों की होती है पूजा विश्वकर्मा पूजा आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को की जाती है. मान्यताएं हैं कि इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. इस दिन भगवान विश्वकर्मा के साथ ही कारखानों और फैक्ट्रियों में औजारों की पूजा की जाती है. Updated at:16th Sep, 2020 at 11:45 AM
आज बन रहे हैं ये विशेष संयोग इस साल विश्वकर्मा दिवस पर कई संयोग बन रहे हैं जिसमें पूजा करने से आपको कई लाभ प्राप्त होते हैं. इस दिन एक योग सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा और उसके बाद साध्य योग का प्रारंभ हो जाएगा. सुबह 10 बजकर 9 मिनट से सुबह 11 बजकर 37 मिनट तक अमृत काल रहेगा. हालांकि, आज कोई भी अभिजित मुहूर्त नहीं रहेगा. Updated at:16th Sep, 2020 at 11:45 AM
मांस-मदिरा का न करें सेवन इस दिन मशीनों को पूरी तरह आराम देने के साथ ही, इस दिन तामसिक भोजन यानी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. साथ ही, अपने व्यापार और रोजगार को बढ़ाने के लिए इस दिन गरीब और असहाय लोगों को दान-दक्षिणा करना चाहिए. Updated at:16th Sep, 2020 at 8:26 AM
जानें किन राज्यों में धूमधाम से मनाई जाती है विश्वकर्मा पूजा विश्वकर्मा पूजा पर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली आदि राज्यों में भगवान की मूर्ति स्थापित की जाती है और उनकी आराधना की जाती है. Updated at:16th Sep, 2020 at 8:26 AM
रोजमर्रा इस्तेमाल वाली चीजों का करें सम्मान भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है. ऐसे में इस दिन किसी भी प्रकार के औजारों का इस्तेमाल न करें. भले ही ये उपकरण घर के ही क्यों न हों लेकिन उनके इस्तेमाल से भी बचना चाहिए. साथ ही, मशीनों को इधर-उधर बिखराने से भी बचना चाहिए. इसके अलावा, अपने औजारों को किसी को भी उधार में न दें. Updated at:16th Sep, 2020 at 8:26 AM
आज उपकरणों का न करें इस्तेमाल मान्यता है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन लोगों को अपने कारखाने और फैक्ट्रियां बंद रखनी चाहिए. ऐसा करने के साथ ही वहां मौजूद मशीनें, उपकरणों और औजारों की पूजा करने से घर में बरकत आती है. ऐसे में आज के दिन लोगों को औजारों और किसी भी प्रकार की मशीनों का इस्तेमाल करना वर्जित है. Updated at:16th Sep, 2020 at 8:26 AM
पूरे ब्रह्मांड के निर्माणकर्ता हैं विश्वकर्मा हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ने पूरे ब्रह्मांड का निर्माण किया है. पौराणिक युग में इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों को भी विश्वकर्मा ने ही बनाया था जिसमें 'वज्र' भी शामिल है, जो भगवान इंद्र का हथियार था. वास्तुकार कई युगों से भगवान विश्वकर्मा को अपना गुरु मानते हुए उनकी पूजा करते आ रहे हैं. Updated at:16th Sep, 2020 at 8:26 AM
कैसे हुआ भगवान विश्वकर्मा का जन्म यह मान्यता है कि प्राचीन काल में सभी का निर्माण विश्वकर्मा ने ही किया था. 'स्वर्ग लोक', सोने का शहर - 'लंका' और कृष्ण की नगरी - 'द्वारका', सभी का निर्माण विश्वकर्मा के ही हाथों हुआ था. कुछ कथाओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा का जन्म देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुद्र मंथन से माना जाता है. Updated at:16th Sep, 2020 at 8:26 AM
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आज पूजा के दौरान नियमों का करें पालन इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से आपके कोराबार में वृद्धि होगी साथ ही सुख और शांति रहेगी. विश्वकर्मा पूजा उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो कलाकार, शिल्पकार और व्यापारी है. अगर आप इस दिन पूजा कर रहे हैं तो आपको कई सारी बातों का खास ख्याल रखना है ताकि आपसे कोई गलती ना हो जाए. Updated
क्यों की जाती है विश्वकर्मा भगवान की पूजा विश्वकर्मा की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उन्हें पहला वास्तुकार माना गया था, मान्यता है कि हर साल अगर आप घर में रखे हुए लोहे और मशीनों की पूजा करते हैं तो वो जल्दी खराब नहीं होते हैं. मशीनें अच्छी चलती हैं क्योंकि भगवान उनपर अपनी कृपा बनाकर रखते हैं. भारत के कई हिस्सों में हिस्से में बेहद धूम धाम से मनाया जाता है. Updated at:16th Sep, 2020 at 8:26 AM
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विश्वकर्मा पूजा से जुड़े नियम -विश्वकर्मा पूजा करने वाले सभी लोगों को इस दिन अपने कारखाने, फैक्ट्रियां बंद रखनी चाहिए. - विश्वकर्मा पूजा के दिन अपनी मशीनों, उपकरणों और औजारों की पूजा करने से घर में बरकत होती है. -विश्वकर्मा पूजा के दिन औजारों और मशानों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. -विश्वकर्मा पूजा के दिन तामसिक भोजन (मांस-मदिरा) का सेवन नहीं करना चाहिए. -विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने रोजगार में वृद्धि करने के लिए गरीब और असहाय लोगों को दान-दक्षिणा जरूर दें. -विश्वकर्मा पूजा के दिन अपने बिजली उपकरण, गाड़ी की सफाई भी करें. क्या है पूजा का महत्व
क्या है पूजा का महत्व विश्वकर्मा भगवान की पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि उन्हें पहला वास्तुकार माना गया था, मान्यता है कि हर साल अगर आप घर में रखे हुए लोहे और मशीनों की पूजा करते हैं तो वो जल्दी खराब नहीं होते हैं. मशीनें अच्छी चलती हैं क्योंकि भगवान उनपर अपनी कृपा बनाकर रखते हैं. भारत के कई हिस्सों में हिस्से में बेहद धूम धाम से मनाया जाता है. क्या है पूजा का विधि
शुभ समय में करें विश्वकर्मा भगवान की पूजा इस साल विश्वकर्मा पूजा पर कई संयोग बन रहे हैं. जिसमें पूजा करने से आपको कई लाभ प्राप्त होगा. इस दिन एक योग सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगा और उसके बाद साध्य योग का प्रारंभ हो जाएगा. इसके अलावा आज के दिन कोई भी अभिजित मुहूर्त नहीं है. लेकिन अमृत काल मुहूर्त बन रहा है जो सुबह 10 बजकर 9 मिनट से सुबह 11 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. वहीं दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से दोपहर 3 बजकर 08 मिनट तक विजय योग रहेगा. इसके अलावा शाम 06 बजकर 12 मिनट से शाम 6 बजकर 36 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा. इन सभी योग में विश्वकर्मा जी की पूजा करने से आपको उनकी खास आशीर्वाद प्राप्त होगा.
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